सन् 1985,
इटली के मशहूर पेंटर जीवोवनी ब्रागोलिन पेंटिंग बनाने बैठे थे।
आज उनके दिमाग में एक रोते हुए बच्चे का चेहरा बार बार आ रहा था।उन्होंने उसे कैनवस पर हू बहू उतार दिया।
सच में यह पेंटिंग इतनी सुंदर बनी, ऐसा लग रहा था कि अभी जैसे सजीव हो उठेगी।
ब्रागोलिन इतने खुश थे कि, उन्होंने एक नहीं पूरी इसकी श्रृंखला ही बना दी। 50,000 पेंटिंग की प्रतियां बनाई गई।
आशा के अनुरूप यह पेंटिंग बहुत मशहूर हो गई।
पेंटिंग के शौकीन इस पेंटिंग को बड़े शान से ऊंचे मूल्य दे ,अपने लीविंग रूम की शोभा बढ़ाने को खरीद कर ले जा रहे थे।
अचानक एक दिन शहर में हड़कंप मचा,अग्निशमन विभाग की दमकले घरों की तरफ भागी जा रही थी।
एक के बाद एक खबरे इसी तरह की आ रही थी...............।
क्या हो रहा था ये सब ,क्या ये सिर्फ हादसा सा था !!या और भी कुछ?
अखबारों की सुर्खियां बन गए थे ये हादसे।
जैसा कि हर हादसे के लिए जांच होती है ,इसके लिए जांच बैठाई गई।सभी घर वालों ,प्रत्यक्षदर्शियों,दमकल कर्मियों से पूछताछ हुई।
सभी ने एक स्वर में कहा ,हमे एक चीज़ ही हर वारदात में खटकी,,पूरे घर की वस्तुएं जल जाती ,सब कुछ राख हो जाता , सिवाए उस रोते हुए बच्चे की पेंटिंग को छोड़।
अमूमन उन्हीं सभी घरों में आग भी लगी थी ,जहां ये पेंटिंग लगी थी।सभी इससे डर गए,रातो रात मशहूर होने वाली पेंटिंग अब रातों रात सुर्खियों में आ गई ,अपनी मनहुसियत की वजह से।
लोगों ने हैलोवीन त्योहार के आते ,इस पेंटिंग को बोन फायर में झोंक दिया,और आश्चर्य हादसों में कमी आ गई।
तब से ये पेंटिंग द क्राइंग ब्वाय की ये पेंटिंग दुनिया की शापित पेंटिंग में शुमार हो गई।
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